पूरी दिल्ली में अवैध अतिक्रमण के रूप में मजारों और मस्जिदों को सडकों के बीच, पार्क, सरकारी जमीनों के ऊपर, रेलवे लाइन के ऊपर अक्सर देखा जा सकता है, अगर सीधी बात कहें तो किसी भी फुटपाथ पर अवैध मजारों को देखा जा सकता है, ये मजारें कब उगती है और किसकी लाशें इसमें दफन होती है कभी इसकी जानकारी नहीं मिलती, रातोंरात सड़क पर ये दरगाह, मजारें कब उग आती है और कब इनकी जगह शानदार मस्जिदें ले लेती है पता नही चलता, कई बार इन मस्जिदों में लगने वाले पैसे पर सवालिया निशान लगाये जाते हैं, कई बार इसमें सउदी अरब का पैसा लगने की बातें भी कही जाती रही है. एक छोटा सा मंदिर अगर सड़क पर हो तो प्रशासनिक अमला तुरन्त हरकत में आ जाता है लेकिन हजारों मीटर के पार्कों पर कब्जे करके बनी इन अवैध मस्जिदों पर प्रशासन आंखे मूंदकर बैठा रहता है, एक आम आदमी अपनी रोज मर्रा की जरुरतों के लिए परेशान है वहीं इन मस्जिदों के रुप में अतिक्रमण करने वाले हर समय ताक मे रहते हैं कि कब कोई सड़क, पार्क में जगह मिले और कब्जा किया जाये चिंता की बात ये भी है कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोग्गया मुसलमानों को भी इनकी आड़ में बसाया जा रहा है. ऐसे में प्रीत सिरोही एक सनातनी जांबाज के रूप मे सामने आये हैं जिन्होंने दिल्ली में बनी अवैध मस्जिदों के विरूद्ध बिगुल बजाया हुआ है.
एक युवा जिसने कर दी मोलवियों की नींद हराम
दिल्ली में एकाएक एक नाम सामने आया है जिसका नाम है प्रीत सिरोही, आपको बतादें कि सिरोही यूपी पश्चिमी एवं हरियाणा के वीर जाटों का एक गौत्र है, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जनपद में भी इनकी बड़ी संख्या है और इनका दबदबा भी है. बुलन्दशहर में एक कहावत है कि जिसके पीछे सिरोही पड़ जाये उसकी रक्षा तो भगवान राम भी नही करते, भाई प्रीत सिरोही के नाम से बने सोशल मीडिया एकांउट पर तमाम उन अवैध मस्जिदों और दरगाहों की जानकारी और कोर्ट आदेश देखे जा सकते हैं, जिनकी शिकायत भाई प्रीत सिरोही कर चुके हैं, आपको बता दें कि प्रीत सिरोही को कई बार परेशान भी इस बात को लेकर किया गया उसके बाद उन्होने इसे एक चुनौती के रुप में लिया और अब वो पूरी दिल्ली में बनी अवैध मस्जिदों के खिलाफ कार्रवाई कराने को लेकर काम कर रहे हैं,
जान से मारने की रोज आती है धमकियाँ
अवैध मस्जिदों पर कार्यवाही की मुहिम को लेकर भाई प्रीत सिरोही को रोज जिहादीयों की धमकियों से भी दो चार होना पड़ता है, लेकिन भाई प्रीत सिरोही का कहना है कि वह बलिदान होने को तैयार है लेकिन वह इन अवैध निर्माण के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहेंगे
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